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SEMINAR : Changing socio economic structure since colonial times (25-26 February 2023)

 



भारत की सामाजिक और आर्थिक संरचना में औपनिवेशिक काल के बाद से व्यापक परिवर्तन आए हैं। ब्रिटिश राज के दौरान, भारत की पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक ढांचा न केवल विदेशी शक्तियों के हितों के लिए अनुकूलित किया गया, बल्कि इन बदलावों ने भारतीय समाज को भी गहराई से प्रभावित किया।

ब्रिटिश शासन ने भारतीय कृषि, उद्योग और व्यापार में अपनी नीतियों के माध्यम से बड़े बदलाव किए। रेलवे और सड़कों के निर्माण ने देश के विभिन्न हिस्सों के बीच संपर्क को बढ़ाया, जबकि आर्थिक संसाधनों का शोषण और भूखमरी जैसी समस्याओं ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को बिगाड़ दिया। औपनिवेशिक नीतियों ने भारतीय उद्योगों को कमजोर किया, जिससे कई पारंपरिक कारीगर और बुनकर प्रभावित हुए।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारतीय समाज ने आर्थिक और सामाजिक संरचना में सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं। औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वैश्वीकरण ने नई आर्थिक संभावनाओं का द्वार खोला है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ने सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा दिया है। हालांकि, समाज में अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं, जैसे असमानता और गरीबी, जो औपनिवेशिक काल की धरोहर हैं।

आज, भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, लेकिन औपनिवेशिक काल के प्रभावों को समाप्त करने और सामाजिक-आर्थिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।

Prabhat Khabar : 26-02-2023 (Page 6)
E Paper 

Prabhat Khabar : 27-02-2023 (Page 6)
E Paper


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